Monday, 27 July 2015

विद्याध्ययन (पढाई) में अरूचि के उपाय

विद्याध्ययन (पढाई) में अरूचि के उपाय 

यदि एक व्यक्ति विद्याध्ययन करना चाहता है किन्तु उसका मन पढाई की ओर न लगकर अन्य किसी ओर जैसे खेलना, घूमना-फिरना या फिर यूँ ही पढते समय आलस हावी होने लगता है तो उसके लिए निम्न उपाय करें।


(A) अगर बालक की खेल-कूद में अधिक रूचि उसकी विद्याध्ययन में बाधा उत्पन कर रही है तो उसकी जन्मपत्रिका के चतुर्थेश का रत्न चाँदी में धारण करवा दिया जाए और साथ में गरिष्ठ भोजन की अपेक्षा उसे जलीय पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करने को दिया जाए तो आप देखेंगें कि उसका मन कुछ ही दिनों में खेल-कूद की ओर से मुडने लगेगा.


(B) ऎसे ही यदि आपके बच्चे को अधिक घूमना-फिरना या मित्र संगति पसंद है तो उसे लग्नेश का रत्न धारण करा दिया जाए. साथ में किसी प्रकार (चाहे कुछ देर के लिए ही सही) उसे नियमित रूप से व्यायाम करने को कहा जाए तो उसका मन स्वत: ही भ्रमणकारी प्रवृ्ति तथा अत्यधिक मित्र-संगति से मुख मोड लेगा.


(C) यदि आलस के कारण पढाई में मन नहीं लग रहा तो उसके लिए व्यक्ति पंचमेश रत्न तांबें में या नवमेश का रत्न सोने में धारण कर ले, साथ में उसे खाने में नमक की अपेक्षा मीठा अधिक मात्रा में दिया जाए तो आलस चुटकियों मे गायब समझिए......

उपरोक्त उपायो को करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी या विद्वान ब्राह्मण से अपने बच्चे की जनम पत्रिका की जांच अवश्य करवाये व अपने कर्म पर भी ध्यान दे। 

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