Sunday, 19 July 2015

ज्ञान की बातें.....

ज्ञान की बातें.....

१. घर में सुबह सुबह कुछ देर के लिए भजन अवशय लगाएं ।
२. घर में कहीं भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखना चाहिए। उसे पैर नहीं लगना चाहिए, न ही लांघा जाना चाहिए, अन्यथा घर में बरकत और धनागम के स्रोतों में वृद्धि नहीं होगी, झाड़ू हमेशा छुपाकर रखें। 
३. बिस्तर पर बैठकर भोजन न करें, इससे दुःस्वप्न आते हैं। 
४. घर में जूते चप्पल इधर-उधर बिखेरकर या उल्टे करके नहीं रखने चाहिए, इससे घर में अशांति उत्पन्न होती है। 
५. पूजा सुबह 6 से 8 बजे के बीच भूमि पर आसन बिछाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठकर करनी चाहिए। पूजा का आसन जूट अथवा कुश का हो तो उत्तम है। 
६. पहली रोटी गाय के लिए निकालें। इससे देवता भी खुश होते हैं और पितरों को भी शांति मिलती है।
७. पूजा घर में सदैव जल का एक कलश भरकर रखें, जो जितना संभव हो, ईशान कोण के हिस्से में हो। इससे घर में सपन्नता आती है।
८. आरती, दीप, पूजा, अग्नि जैसे पवित्रता के प्रतीक साधनों को फूंक मारकर नहीं बुझाएं। 
९. मंदिर में धूप, अगरबत्ती व हवनकुंड की सामग्री दक्षिण पूर्व में रखें अर्थात आग्नेय कोण में। 
१०. घर के मुख्यद्वार पर दांयी तरफ स्वास्तिक बनाएं। 
११. घर में कभी भी जाले न लगने दें अन्यथा भाग्य व कर्म पर जाले लगने लगते हैं और बाधा आती है। 
१२. सप्ताह में एक बार अवश्य समुद्री नमक अथवा सेंधा नमक से घर में पोंछा लगाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा हटती है। 
१३. कोशिश करें कि सुबह के प्रकाश की किरणें सबसे पहले आपके पूजाघर तक जरूर पहुंचे। 
१४. पूजाघर में अगर कोई प्रतिष्ठित मूर्ति है तो उसकी पूजा हर रोज निश्चित रूप से हो, ऐसी व्यवस्था करें।
१५.आटा पिसते समय उसमें 100 ग्राम काले चने भी पिसने के लियें डाल दिया करें तथा केवल शनिवार को ही आटा पिसवाने का नियम बना लें।
१६.संध्या समय सोना पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए किन्तु गीले पैर नहीं सोनाचाहिए। इससे धन का क्षय होता है।
१७.रात्रि में चावल दही और सत्तू का सेवन करने से लक्ष्मी का निरादर होता है। अत समृद्धि चाहने वालों को तथा जिन व्क्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों उन्हें इनका सेवन रात्रि भोज में नहीं करना चाहिये।
१८.भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए।
१९.सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं। जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें।
२०.घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाये गये फूल या हार के सूख जाने पर भी उन्हें घर में रखना अलाभकारी होता है।
२१.अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के रखना चाहिए। इसे घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ होता है।
२२.घर में कोई भी बंद घड़ी ना लगी रहे। जो घड़ी काम ना कर रही हो उसे घर में ना रखें।
२३.नुकीले औजार जैसे- कैंची, चाकू आदि कभी भी इस प्रकार नहीं रखे जाने चाहिए कि उनका नुकीला बाहर की ओर हो।
२४. १४ बार उतारें आरती- भगवान की आरती चौदह बार घुमानी चाहिए। ४ बार चरणों की, २ बार नाभि की, १ बार मुख की और ७ बार पूरे शरीर की।
२५. बरकत के लिए:- घर की महिला सुबह उठकर एक लाटा जल से भरकर पूरे घर मे थाङा थाङा छीटे और शेष जल प्रवेश द्वार पर ङाल दे। २६. ईशान्य कोण यानी उत्तर-पूर्व में तुलसी का पौधा लगाएं।
२७. घर की बैठक में जहां घर के सदस्य आमतौर पर एकत्र होते हैं, वहां बांस का पौधा लगाना चाहिए। पौधे को बैठक के पूर्वी कोने में गमले में रखें।
२८. शयन कक्ष में पौधा नहीं रखना चाहिए, किन्तु बीमार व्यक्ति के कमरे में ताजे फूल रखने चाहिए। इन फूलों को रात को कमरे से हटा दें।
२९. तीन हरे पौधे मिट्टी के बर्तनों में घर के अंदर पूर्व दिशा में रखें। बोनसाई व कैक्टस न लगाएं क्योंकि बोनसाइ प्रगति में बाधक एवं कैक्टस हानिकारक होता है। ३०. घर में दरवाजे अपने आप खुलने व बंद होने वाले नहीं होने चाहिए। ऐसे दरवाजे अज्ञात भय पैदा करते हैं। ३१. दरवाजे खोलते तथा बंद करते समय सावधानी बरतें ताकि कर्कश आवाज नहीं हो। इससे घर में कलह होता है। इससे बचने के लिए दरवाजों पर स्टापर लगाएं तथा कब्जों में समय समय पर तेल डालें।
३२. खिड़कियां खोलकर रखें, ताकि घर में रोशनी आती रहे।
३३. महत्वपूर्ण कागजात हमेशा आलमारी में रखें।
३४. मुकदमे आदि से संबंधित कागजों को गल्ले, तिजोरी आदि में नहीं रखें, सारा धन मुदमेबाजी में खर्च हो जाएगा।
३५. मकान के उत्तर पूर्व कोने को हमेशा खाली रखना चाहिए।
३६. "पानी पीने का सही वक़्त" (1) 3 गिलास सुबह उठने के बाद अंदरूनी उर्जा को Activate करता है
(2) 1 गिलास नहाने के बाद ब्लड प्रेशर का खात्मा करता है
(3) 2 गिलास खाने से 30 Minute पहले हाजमे को दुरुस्त रखता है
(4) आधा गिलास सोने से पहले हार्ट अटैक से बचाता है 
३७.कंडे के उपले को जलाकर लोभान को रखकर माह में दो बार धुएँ को पूरे घर में घुमाएँ।
३८.प्रत्येक अमावस्या को घर की सफाई की जाए। फालतू सामान बेच दें तथा घर के मंदिर में पाँच अगरबत्ती लगाएँ। 
३९ अगर नौकरी में तरक्की चाहते हैं, तो 7 तरह का अनाज चिड़ियों को डालें ४०. नए घर में पुराना झाड़ू ले जाना अषुभ होता है। ४१. उलटा झाडू रखना अपषकुन माना जाता है। ४२. अंधेरा होने के बाद घर में झाड़ू लगाना अषुभ होता है। इससे घर में दरिद्रता आती है। ४३. झाड़ू पर पैर रखना अपषकुन माना जाता है। इसका अर्थ घर की लक्ष्मी को ठोकर मारना है। 
४४. यदि कोई छोटा बच्चा अचानक झाडू लगाने लगे तो अनचाहे मेहमान घर में आते हैं। ४५. किसी के बाहर जाते ही तुरंत झाड़ू लगाना अषुभ होता है।
४६. कार्य क्षेत्र पर नित्य शाम को नमक छिड़क कर प्रातः झाडू से साफ करें। 
४७. घर और कार्यक्षेत्र के मुख्य द्वार को साफ रखें। 
४८. रुद्राक्ष या स्फटिक की माला के प्रयोगों से प्रतिकूल परिस्थितियों का शमन होता है। इसके अतिरिक्त स्फटिक की माला पहनने से तनाव दूर होता है।
४९. इन दिनों शुरू किए काम बिगड़ जाते हैं! रहें सावधान :- 
रविवार– द्वादशी 
सोमवार – एकादशी 
मगलवार – दशमी 
बुधवार – तृतीया 
गुरुवार – षष्ठी 
शुक्रवार – द्वितीया 
शनिवार – सप्तमी

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