Thursday, 6 August 2015

किसी भी कार्य की सफलता हेतु होरा मुहूर्त

किसी भी कार्य की सफलता हेतु या सम्पूर्ण कार्यसिद्दी हेतु होरा मुहूर्त
सूर्य की होरा राजसेवा के लिये उत्तम है।
चन्द्रमा की होरा सर्व कार्य सिद्ध करने के लिये शुभ है।
मंगल की होरा युद्ध, कलह, विवाद, लडाई झगडे के लिये,
बुध की होरा ज्ञानार्जन के लिये शुभ है।
गुरु की होरा विवाह के लिये,
शुक्र की होरा विदेशवास के लिये,
शनि की होरा धन और द्रव्य इकट्ठा करने के लिये शुभ है.
प्राय:हमें किसी कार्य हेतु जब मुहूर्त जानना होता हैं तो पंडितजी हमें पंचांग द्वारा देखकर एक अच्छा सा समय (मुहूर्त) बता देते हैं|कभी कभी बहुत ज़रूरी होने पर हम पंडितजी के पास नही जा पाते या कोई अन्य काम पड़ जाता हैं जिससे हम समय पर काम करने का "सही उचित" समय नही जान पाते, इन सभी परेशानियो को ध्यान में रखकर ज्योतिषशास्त्र में होरा चक्र का निर्माण किया गया,जिससे आप किसी भी दिन स्वयं होरा देखकर कोई भी काम कर सकते हैं |

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार एक अहोरात्र (दिन-रात)में २४ होराएँ होती हैं जिन्हें हम २४ घंटो के रूप में जानते हैं जिसके आधार पर हर एक घंटे की एक होरा होती हैं जो किसी ना किसी ग्रह की मानी जाती हैं|प्रत्येक वार की प्रथम होरा उस ग्रह की होती हैं जिसका वो वार होता हैं जैसे यदि रविवार हैं तो पहली होरा सूर्य की ही होगी तथा २४ वी होरा अगले दिन सूर्योदय के साथ समाप्त होती हैं|

होराओ का क्रम- प्रत्येक ग्रह की पृथ्वी से जो दुरी हैं उस हिसाब से ही होरा चक्र बनाया गया हैं आईये देखते हैं की होरा कैसे देखी जातीं हैं|मान लेते हैं की हमें रविवार के दिन किसी भी ग्रह की होरा देखनी हो तो हम उसे इस प्रकार से देखेंगे|
पहली होरा -सूर्य ग्रह की होगी
दूसरी होरा -शुक्र ग्रह की होगी
तीसरी होरा -बुध ग्रह की होगी
चौथी होरा-चंद्र ग्रह की होगी
पांचवी होरा -शनि ग्रह की होगी
छठी होरा -गुरु ग्रह की होगी
सातवी होरा -मंगल ग्रह की होगी
आठवी होरा फ़िर से सूर्य की ही होगी तथा यह क्रमश: ऐसे ही चलता रहेगा इस प्रकार जो भी वार हो उसी वार की होरा से आगे की होरा निकाली जा सकती हैं तथा अपने महत्वपूर्ण कार्य किए जा सकते हैं|
विभिन्न ग्रहों की होरा में कुछ निश्चित कार्य किए जाए तो सफलता निश्चित ही प्राप्त होती हैं |

सूर्य की होरा -सरकारी नौकरी ज्वाइन करना,चार्ज लेना और देना,अधिकारी से मिलना,टेंडर भरना मानिक रत्न धारण करना|

चंद्र की होरा -यह होरा सभी कार्यो हेतु शुभ मानी जाती हैं |

मंगल की होरा -पुलिस न्यायालयों से सम्बंधित कार्य नौकरी ज्वाइन करना, जुआ सट्टा लगाना,क़र्ज़ देना, सभा समितियो में भाग लेना,मूंगा एवं लहसुनिया रत्न धारण करना|

बुध की होरा -नया व्यापार शुरू करना,लेखन प्रकाशन कार्य करना,प्रार्थना पत्र देना,विद्या शुरू करना,कोष संग्रह करना,पन्ना रत्न धारण करना |

गुरु की होरा -बड़े अधिकारियो से मिलना,शिक्षा विभाग में जाना शिक्षक से मिलना,विवाह सम्बन्धी कार्य करना,पुखराज रत्न धारण करना |

शुक्र की होरा -नए वस्त्र पहनना,आभूषण खरीदना धारण करना,फिल्मो से सम्बंधित कार्य करना ,मॉडलिंग करना,यात्रा करना,हीरा ओपल रत्न पहनना|

शनि की होरा -मकान की नींव खोदना खुदवाना,कारखाना शुरू करना,वाहन भूमि खरीदना,नीलम गोमेद रत्न धारण करना|

इस प्रकार विभिन्न ग्रह की होरा में विभिन्न कार्य सफलता हेतु किए जा सकते हैं |



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