Monday, 7 September 2015

घर में गरीबी आने के कारण


1) दूसरे को अपने से हीन समझना। 
2) टुटी हूई कन्घी से कंगा करना।
3) 
टूटा हुआ सामान उपयोग करना।
4) 
घर में कूडा-करकट रखना।
5) रिश्तेदारो से बदसुलूकी करना।     
6) बांए पैर से पैंट पहनना।
7) सांध्या वेला मे सोना।
8) मेहमान आने पर नाराज होना।
9) आमदनी से ज्यादा खर्च करना।
10) 
दाँत से रोटी काट कर खाना।
11) 
चालीस दीन से ज्यादा बाल रखना।
12) 
दांत से नाखून काटना।
13) 
खडे खडे पेशाब करना।
14) 
औरतो का खडे खडे बाल बांधना।
15) 
फटे हुए कपड़े पहनना।
16) 
सुबह सूरज निकलने तक सोते रहना।
17) 
पेंड के नीचे पेशाब करना।
18) 
बैतूल खला में बाते करना।
19) 
उल्टा सोना।
20) 
श्यमशान भूमि में हसना।
21) 
पीने का पानी रात में खुला रखना।
22) 
रात में मागने वाले को कुछ ना देना।
23) 
बुरे ख्याल लाना।
24) 
पवित्रता के बगैर धर्मग्रंथ पढना।
25) 
शौच करते वक्त बाते,करना।
26) 
हाथ धोए बगैर भोजन करना।
27) 
अपनी औलाद को कोसना।
28) 
दरवाजे पर बैठना।
29) 
लहसुन प्याज के छीलके जलाना।
30) 
साधू फकीर को अपमानित करना या उस से कोई चीज खरीदना।
31) 
फूक मार के दीपक बुझाना।
32) 
ईश्वर को धन्यवाद किए बगैर भोजन करना।
33) 
झूठी कसम खाना।
34) 
जूते चप्पल उल्टा देख करउसको सीधा नही करना।
35) 
हालात जनाबत मे हजामत करना।
36) 
मकड़ी का जाला घर में रखना।
37) 
रात को झाडू लगाना।
38) 
अन्धेरे में भोजन करना 
39) 
घड़े में मुंह लगाकर पानी पीना।
40) 
धर्मग्रंथ  पढ़ना।
41) 
नदी, तालाब में शौच साफ करना और उसमें पेसाब करना।
42) 
गाय, बैल को लात मारना।
43) 
माँ-बाप का अपमान करना।
44) 
किसी की गरीबी और लाचारी का मजाक उडाना।
45) 
दाँत गंदे रखना और रोज स्नान  करना।
46) 
बिना स्नान किये और संध्या के समय भोजन करना।
47) 
पडोसियों का अपमान करना, गाली देना।
48) 
मध्यरात्रि में भोजन करना।
49) 
गंदे बिस्तर में सोना।
50) 
वासना और क्रोध से भरे रहना।                       
51) झूठफरेबमक्कारी करना।                                                                    52) रसोई घर के पास में पेशाब करना आदि।                       
53) पति/पत्नी का अपमान करना।      
54) घर के अंदर टूटे हुए बालो का होना।                     55) घर में सीलन की महक होना।
56) घर में मकड़ी के जालो का होना।                           57) घर के बाहर गंदगी का ढेर होना।                            शास्त्रों में है कि जो दूसरो का भला करता हैईश्वर उसका भला करता है।


  


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