Tuesday, 18 August 2015

कई दोषो का एक उपाय, नागपंचमी

कई दोषो का एक उपाय, नागपंचमी 
श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है इस तिथि का बहुत से लोगो को बेसब्री से इंतज़ार रहता है क्योकि इस तिथि पर कई दोषो का उपाए एक साथ हो जाता हैजन्मपत्री में राहू की महादशा हो, अन्तर्दशा हो, राहु किसी अन्य प्रकार से जातक को पीड़ित कर रहा हो या कालसर्प दोष ही क्यों हो, इन सभी दोषो की शांति के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है अर्ताथ राहू दोष और काल सर्प दोष की शांति के लिए नागपंचमी का पर्व विशेष शुभ माना जाता है। इस बार बुधवार को नागपंचमी होने से इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। उपरोक्त सभी दोषो की शांति हेतु निम्न उपाए किये जाने चाहिए। 
उपाय 
जिन जातकों की पत्रिका में काल सर्प दोष बन रहा है या वह राहू की महादशा या अंतर दशा से पीड़ित है, वे जातक नागपंचमी के दिन चांदी के नाग - नागिन के नौ जोड़ों की प्राण प्रतिष्ठा कराएं और उनका षोडषोपचार विधि से पूजन कर अपने सिर से 7 बार उल्टी घड़ी के अनुसार उसारा करके राहु ग्रह के मंत्र का उच्चारण करते हुए नदी में प्रवाहित करें। तांबे के नाग-नागिन का जोड़ा ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए भगवान शिव को अर्पण कर रुद्राभिषेक करें। इन सबके आलावा नाग पंचमी पर नाग-नागिन के जोड़े को 
सपेरे से मुक्त कराया जाए तो नाग देवता की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन भगवान शिव और नाग देवता का  रुद्राभिषेक करना चाहिए। 

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