परिवार की सुख शांति हेतु कुछ विशेष उपाय
किसी समस्या से परेशान है, इसलिए
कोई भी व्यक्ति कर सकता है। चाहे उस व्यक्ति की अपनी जन्म पत्रिका हो या न हो।
१) परिवार में सुख-शांति बनी रहे इसके लिए जातिका को प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए।
२) जब भी घर में कोई मिठाई या अन्य कोई खाद्य पदार्थ आए तो सबसे पहले भगवान को उसका भोग लगाएं। इससे परिवार में प्रेम बढ़ता है। ३) घर में कमाई तो बहुत है, किन्तु पैसा नहीं टिकता, तो यह प्रयोग करें। जब आटा पिसवाने जाते हैं तो उससे पहले थोड़े से गेंहू में 11 पत्ते तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर मिला लें तथा अब इसको बाकी गेंहू में मिला कर पिसवा लें। यह क्रिया सोमवार और शनिवार को करें। फिर घर में धन की कमी नहीं रहेगी।
२) जब भी घर में कोई मिठाई या अन्य कोई खाद्य पदार्थ आए तो सबसे पहले भगवान को उसका भोग लगाएं। इससे परिवार में प्रेम बढ़ता है। ३) घर में कमाई तो बहुत है, किन्तु पैसा नहीं टिकता, तो यह प्रयोग करें। जब आटा पिसवाने जाते हैं तो उससे पहले थोड़े से गेंहू में 11 पत्ते तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर मिला लें तथा अब इसको बाकी गेंहू में मिला कर पिसवा लें। यह क्रिया सोमवार और शनिवार को करें। फिर घर में धन की कमी नहीं रहेगी।
४) गृह क्लेश दूर करने के लिए गेहूं सदैव शनिवार को पीसवाएं तथा उसमें थोड़े चने अवश्य डालें।
५) शनिवार को खाने में किसी भी रूप में काला चना अवश्य ले लिया करें।
५) शनिवार को खाने में किसी भी रूप में काला चना अवश्य ले लिया करें।
६) अगर पर्याप्त धर्नाजन के पश्चात् भी धन संचय नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक शनिवार को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से चुपड़ी रोटी खिलाएँ।
७) संध्या समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का क्षय होता है।
८) रात्रि में चावल, दही और सत्तू का सेवन करने से लक्ष्मी का निरादर होता है। अत: समृद्धि चाहने वालों को तथा जिन व्यक्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों, उन्हें इनका सेवन रात्रि भोज में नहीं करना चाहिये।
९) भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए।
१०) सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं। जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें।
११) घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाये गये फूल या हार के सूख जाने पर भी उन्हें घर में रखना अलाभकारी होता है।
७) संध्या समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का क्षय होता है।
८) रात्रि में चावल, दही और सत्तू का सेवन करने से लक्ष्मी का निरादर होता है। अत: समृद्धि चाहने वालों को तथा जिन व्यक्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों, उन्हें इनका सेवन रात्रि भोज में नहीं करना चाहिये।
९) भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए।
१०) सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं। जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें।
११) घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाये गये फूल या हार के सूख जाने पर भी उन्हें घर में रखना अलाभकारी होता है।
१२) अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के रखना चाहिए। इसे घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ होता है।
१३) शाम को खाली हाथ धर ना जाए कुछ न कुछ अवश्य घर ले कर जाए इस से लक्ष्मी खुश होती हैं।
१४) बुधवार को किसी हिजडे को कुछ रूपय दे और उस से कहें की वह उन पैसों में से आपनी खुशी से कुछ भी वापस कर दे उसे आप लाल वस्त्र में बाँध कर रख ले बहुत लाभ होगा। १५) यदि किसी जातक की पत्रिका में शनि राहु अशुभ हो और जातक अपना घर या मकान बनाना चाहता हो तो जब तक जातक का मकान बनता रहे तब तक प्रत्येक शनि वार एक नारियल पूजा वाला और दस बादाम शनि मंदिर में देते रहे।
१३) शाम को खाली हाथ धर ना जाए कुछ न कुछ अवश्य घर ले कर जाए इस से लक्ष्मी खुश होती हैं।
१४) बुधवार को किसी हिजडे को कुछ रूपय दे और उस से कहें की वह उन पैसों में से आपनी खुशी से कुछ भी वापस कर दे उसे आप लाल वस्त्र में बाँध कर रख ले बहुत लाभ होगा। १५) यदि किसी जातक की पत्रिका में शनि राहु अशुभ हो और जातक अपना घर या मकान बनाना चाहता हो तो जब तक जातक का मकान बनता रहे तब तक प्रत्येक शनि वार एक नारियल पूजा वाला और दस बादाम शनि मंदिर में देते रहे।
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